Mahakumbh: अनोखे संतों का आकर्षण, पर्यावरण और बवंडर वाले बाबा...
- Sonebhadra Times
- Jan 5
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Mahakumbh: आयोजित महाकुंभ के दौरान हर साल की तरह इस बार भी सैकड़ों संत-महात्माओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन कुछ संत अपने अनोखे नामों और दिलचस्प कार्यों के कारण इस बार आकर्षण का केंद्र बने। इन संतों में "पर्यावरण बाबा" और "बवंडर वाले बाबा" खास चर्चा में रहे। इन संतों ने महाकुंभ में न केवल अपने अनोखे नामों से लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि अपने संदेश और कार्यों के लिए भी चर्चा का विषय बने।

Mahakumbh पर्यावरण बाबा का संदेश:
पर्यावरण बाबा का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है। उन्होंने महाकुंभ के दौरान लोगों से अपील की कि वे पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें और अधिक से अधिक पेड़ लगाएं।
बाबा ने "पानी बचाओ, पेड़ लगाओ" जैसे स्लोगन को प्रचारित किया और इस दौरान अपने साथ बांस के पेड़ और पौधों की नर्सरी भी लेकर आए थे।
उनका मानना है कि यदि हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और हरा-भरा वातावरण छोड़ना है, तो हमें अब से ही कदम उठाने होंगे।
बवंडर वाले बाबा का आकर्षण:
"बवंडर वाले बाबा" नाम का संत भी महाकुंभ में चर्चा का विषय बने। उनका दावा था कि उनके पास ऐसे विशेष तंत्र-मंत्र हैं जिनकी मदद से वे किसी भी स्थान पर तेज हवा और बवंडर पैदा कर सकते हैं।
बाबा का कहना था कि यह शक्ति उन्हें आध्यात्मिक साधना और तपस्या से प्राप्त हुई है। हालांकि, यह दावा सुनी-सुनाई बातों से ज्यादा कुछ नहीं था, लेकिन उनकी यह अनोखी और आकर्षक पहचान लोगों के बीच चर्चा का कारण बन गई।
उनके दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी कतारें लग गईं, और लोग यह देखने के लिए भी उमड़े कि क्या सच में बाबा बवंडर पैदा कर सकते हैं।
महाकुंभ में आकर्षण के केंद्र बने ये संत:
इन संतों ने महाकुंभ के दौरान अपनी अलग-अलग कार्यशैली और विचारधारा से भक्तों को अपनी ओर आकर्षित किया।
हर संत का अपना एक विशेष उद्देश्य और संदेश था, जैसे कि साधना, तपस्या, भक्ति, और समाज सेवा। इन संतों के बीच पर्यावरण और प्राचीन तंत्र-मंत्र से जुड़े विभिन्न विचारों का मिश्रण था, जो महाकुंभ को एक और रंगीन रूप में पेश कर रहा था।
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