Sonbhadra: जिले में टीबी उन्मूलन अभियान के तहत 100 दिवसीय विशेष कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य इस गंभीर बीमारी के प्रभाव को कम करना और समाज में इसके प्रति जागरूकता फैलाना है। इस विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन जिला जेल गुरमा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) द्वारा किया गया, जो इस पहल की महत्वता को दर्शाता है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत, जेल में बंद कैदियों की टीबी स्क्रीनिंग की गई, ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जो इस बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं। इसके साथ ही, कैदियों को टीबी से बचाव के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, जिससे वे न केवल अपनी बल्कि अपने आस-पास के लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकें।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य टीबी के मामलों की पहचान करना और उनके उचित उपचार को सुनिश्चित करना है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने टीबी को 2025 तक समाप्त करने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विभिन्न स्तरों पर सक्रिय प्रयास किए हैं। इस विशेष अभियान के दौरान, जेल के सभी कैदियों की पूरी जांच की गई, और जिनमें संभावित लक्षण पाए गए, उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया। यह पहल उन कैदियों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रह जाते हैं, और उन्हें सही समय पर इलाज मिलना आवश्यक है।
इस तरह के अभियान न केवल जागरूकता फैलाने में मददगार होते हैं, बल्कि समय पर उपचार सुनिश्चित कर रोग के प्रसार को भी रोकते हैं। जब लोग टीबी के लक्षणों के प्रति जागरूक होते हैं और उन्हें सही जानकारी मिलती है, तो वे जल्दी से जल्दी चिकित्सा सहायता के लिए आगे आते हैं। इसके परिणामस्वरूप, टीबी के मामलों में कमी आ सकती है और समाज में स्वस्थ जीवन को बढ़ावा मिल सकता है। इस अभियान के माध्यम से, स्वास्थ्य विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि टीबी के उपचार के लिए आवश्यक सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, ताकि कोई भी व्यक्ति इस बीमारी के कारण पीड़ित न हो।