Delhi Assembly Election 2025 के संदर्भ में बढ़ती हलचल के बीच मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया गया है, जो राजनीतिक माहौल में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अधिकारी स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करने में सक्षम हैं और कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है, जिससे यह संकेत मिलता है कि न्यायालय का विश्वास लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर है और वह बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा। यह निर्णय न केवल मुख्यमंत्री आतिशी के लिए राहत है, बल्कि उन सभी अधिकारियों के लिए भी सकारात्मक संदेश है जो स्वतंत्र रूप से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।

इस दौरान, दिल्ली चुनाव की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। आम आदमी पार्टी (आप) और बीजेपी के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है, जो चुनावी माहौल के गरम होने का संकेत है। मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उनके पास कोई ठोस एजेंडा नहीं है और वे केवल नकारात्मक राजनीति पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी केवल आप सरकार की आलोचना में लगी हुई है, जबकि उनके पास जनता के लिए कोई सकारात्मक योजना नहीं है।
मुख्यमंत्री ने आप सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में पार्टी ने दिल्ली के विकास के लिए काम किया है, जिससे जनता का जीवन बेहतर हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उनकी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और परिवहन जैसे क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जो दिल्लीवासियों के लिए लाभकारी साबित हुए हैं।
वहीं, चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि मतदान 5 फरवरी 2025 को होगा, और नतीजे 8 फरवरी को आएंगे। इस समय सभी पार्टियां अपनी रणनीतियां तय करने और मतदाताओं को आकर्षित करने में जुटी हैं। चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही सभी राजनीतिक दलों ने अपने चुनावी प्रचार को तेज कर दिया है। आम आदमी पार्टी अपनी उपलब्धियों को गिनाने के साथ-साथ नई योजनाओं की घोषणा कर रही है, जबकि बीजेपी ने भी अपने चुनावी मुद्दों को जनता के सामने रखने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस प्रकार, यह चुनाव न केवल दिल्ली की राजनीतिक दिशा तय करेगा, बल्कि देश की राजनीति में भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।